बस्तर संभाग—भारत की खनिज राजधानी, ज़मीन की गोद में छिपा है समृद्धि का अपार खजाना”

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लक्ष्मीनाथ नाग

छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग अपनी प्राकृतिक संपदाओं, सांस्कृतिक विविधता और अद्भुत भौगोलिक संरचना के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहाँ की पर्वतमालाएँ, हरियाली और आदिवासी परंपराएँ जितनी अनोखी हैं, उतने ही अनोखे हैं यहाँ के खनिज भंडार। यही कारण है कि बस्तर संभाग को देश की खनिज राजधानी कहा जाता है। इस विशाल क्षेत्र की मिट्टी में चूना-पत्थर से लेकर सोना, लोहा, बॉक्साइट, हीरा और टिन तक अनेक मूल्यवान खनिज छिपे हैं, जो न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देते हैं बल्कि देश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

नीचे जिलेवार खनिज संपदा का विस्तृत विवरण प्रस्तुत है—

📍 बस्तर जिला – चूना-पत्थर, बॉक्साइट और हीरों का केंद्र

बस्तर जिला प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है।

चूना-पत्थर – मांझीडोंगरी प्रदेश में उच्च गुणवत्ता के चूना-पत्थर के लिए विख्यात।

बॉक्साइट – आसना, तारापुर और कुदारवाही क्षेत्र बॉक्साइट भंडार के लिए प्रमुख।

अभ्रक (माइका) – दमभा घाटी तथा गोलापल्ली क्षेत्र अभ्रक उत्पादन का केंद्र।

हीरा – तोकापाल क्षेत्र हीरा खनन की संभावनाओं के लिए चर्चा में।

📍 कांकेर जिला – लौह अयस्क और सोने की चमक

कांकेर की भूमि धातु-समृद्ध मानी जाती है।

लौह अयस्क – रावघाट, आरीडोंगरी, भानुप्रतापपुर, चारगाँव, मेटाबोदली, हाहालद्दी, चारामा और कोलमसार प्रमुख स्थल।

सोना – सोनादेही और मिचगाँव क्षेत्र सोने की उपलब्धता के लिए प्रसिद्ध।

📍 नारायणपुर जिला – उच्च गुणवत्ता वाला लौह अयस्क

लोहा – छोटेडोंगर क्षेत्र लौह अयस्क का समृद्ध केंद्र, औद्योगिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण।

📍 दंतेवाड़ा जिला – देश का सबसे शुद्ध लौह अयस्क

दंतेवाड़ा खनिज संपदा के मामले में पूरे देश में अग्रणी है।

लोहा – बैलाडीला का लौह अयस्क भारत में सबसे शुद्ध माना जाता है।

टिन – जिले में टिन खनिज की भी अच्छी उपलब्धता।

मालेंगर – लोहा खनन के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र।

📍 कोण्डागांव जिला – बॉक्साइट और कोरण्डम का खजाना

बॉक्साइट – बचेली, कटेकल्याण, टेकनार की पहाड़ियाँ बॉक्साइट से भरपूर; केशकाल घाटी और बुधयारमारी भी प्रमुख क्षेत्र।

कोरण्डम – सोनाकुकानार क्षेत्र में कोरण्डम के भंडार क्षेत्र की समृद्धि दर्शाते हैं।

📍 सुकमा जिला – अभ्रक एवं टिन का प्रमुख स्रोत

अभ्रक – झीरम घाटी क्षेत्र अभ्रक के उत्पादन के लिए जाना जाता है।

टिन – गोविंदपाल, मुण्डपाल, चित्तलनार, कोण्टा और तोंगपाल में टिन के समृद्ध भंडार।

📍 बीजापुर जिला – कोरण्डम का समृद्ध इलाका

कोरण्डम – भोपालपट्टनम, कुचनूर और धंगोल क्षेत्र कोरण्डम की दृष्टि से विशेष रूप से महत्वपूर्ण।

बस्तर संभाग सिर्फ संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक नहीं, बल्कि खनिज संपदा का विशाल धनी भू-भाग है। यहाँ के खनिज न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था में मजबूत योगदान देते हैं, बल्कि पूरे देश के औद्योगिक भविष्य का आधार भी बनते हैं। बस्तर की धरती वास्तव में समृद्धि और संभावनाओं की अनंत खदान है।

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